टाटा ट्रस्ट में नए चेयरमैन बने नोएल, अब बच्चों के साथ संभालेंगे 34 लाख करोड़ का साम्राज्‍य

नेशनल डेस्क। नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया गया है। इस निर्णय पर दोनों ट्रस्टों के सभी सदस्यों ने सहमति व्यक्त की है। नोएल टाटा, जो पहले से ही टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में सेवा दे रहे थे, अब चेयरमैन के पद को संभालेंगे। यह नियुक्ति टाटा ग्रुप की महत्वपूर्ण संरचनात्मक परिवर्तन को दर्शाती है, क्योंकि टाटा ट्रस्ट समूह की समाजसेवा और सामाजिक उत्थान के लिए किए जाने वाले कार्यों में प्रमुख भूमिका निभाता है।

नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं और उन्होंने टाटा समूह में लंबे समय से महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उनकी नियुक्ति से ट्रस्ट की दिशा और दृष्टिकोण में स्थिरता और निरंतरता बनाए रखने की उम्मीद की जा रही है।

रतन टाटा ने टाटा ट्रस्ट के गठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी, टाटा संस, में टाटा ट्रस्ट की लगभग 66% हिस्सेदारी है। टाटा ट्रस्ट के तहत ही टाटा ग्रुप के संचालन का काम होता है। यह ट्रस्ट परोपकारी पहलों और शासन की देखरेख के लिए कार्यरत है। बता दें कि टाटा समूह 100 से अधिक देशों में फैला हुआ है, जिसका कुल मूल्य 403 अरब डॉलर है। अब नोएल टाटा इस विशाल व्यापारिक साम्राज्य का नेतृत्व करेंगेगे।

नोएल टाटा ने हाल ही में टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन का पद संभाला है, जिसमें उनके तीनों बच्चे—लिया, माया, और नेविल—उनका सहयोग करेंगे। ये सभी बच्चे पहले से ही टाटा ग्रुप में विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं, जिससे ट्रस्ट के संचालन में एक नया दृष्टिकोण और ऊर्जा जुड़ने की संभावना है।

लिया टाटा: वह अपनी विशिष्ट शैक्षणिक और पेशेवर पृष्ठभूमि के लिए जानी जाती हैं और टाटा समूह के विभिन्न प्रोजेक्ट्स में सक्रिय रूप से शामिल हैं।

माया टाटा: उन्होंने टाटा ग्रुप में सामाजिक कार्यों और परोपकारी पहलों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जो समूह की विरासत का अभिन्न हिस्सा है।

नेविल टाटा: वह विभिन्न व्यावसायिक उपक्रमों में शामिल हैं और टाटा समूह के विकास में योगदान दे रहे हैं।

नोएल टाटा का नेतृत्व और उनके बच्चों का सहयोग टाटा ट्रस्ट और टाटा ग्रुप के भविष्य के लिए एक नई दिशा का संकेत देता है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि टाटा परिवार में उत्तराधिकार की रेस किस प्रकार चल रही है, जिसमें पारिवारिक मूल्य और व्यवसायिक कौशल का समावेश है।

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