बस्तर के तोकापाल के बारुपाटा गांव में आधी रात को नवजात बच्ची की माँ ने उसे चूहों के बिल में पाट दिया।इस कारण से क्योंकि उसके पिता ने मां और बच्चे को अपनाने से मनाकर दिया था। रात के अंधरे में उसकी मां नवजात को गांव के पास स्थित नीलगिरी के जंगल में एक चूहे के खोदे गए गड्ढे में डालकर उसे मिट्टी से पाट दिया। मंगलवार सुबह गांव के सरपंच पति मनीष बेंजाम नीलगिरी के जंगल की ओर गए तो उनके कानों में बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने बच्चे को चूहे के बिल से निकालकर एंबुलेंस को बुलाया। 108 की आपातकालीन सेवा कुछ ही देर बाद गांव पहुंची।108 के चिकित्सा कर्मी भानुप्रिया व भूपेंद्र कुमार ने बच्चे की गंभीर अवस्था का देखकर घटनास्थल पर ही प्राथमिक उपचार कर तोकापाल स्थित स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने बच्ची का उपचार किया। बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है।