मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा द्वारा लीगल एड डिफेंस कौंसिलों हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया गया शुभारंभ

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के द्वारा राज्य न्यायिक एकेडमी के सहयोग से छत्तीसगढ़ राज्य के 23 जिलों में स्थापित लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम में नियुक्त चीफ, डिप्टी एवं असिस्टेंट लीगल एड डिफेस कौंसिलों हेतु तीन दिवसीय एडवांस ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन राज्य न्यायिक एकेडमी, बिलासपुर में किया गया।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) के मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने मुख्य अतिथि के रूप में कौंसिल को सम्बोधित करते हुए कहा कि लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम के माध्यम से अभिरक्षाधीन बंदियों एवं जरूरतमंदों को उच्च गुणवत्तायुक्त निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराना सभी की जिम्मेदारी है। कौंसिल को जो जिम्मेदारी दी गई हैं उसका वे प्रभावी रूप से निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि जो नये कानून लागू होने हैं, उनका सभी कौंसिल सूक्ष्मता से अध्ययन करें ताकि विचाराधीन बंदियों एवं जरूरतमंद व्यक्तियों की ओर से उचित प्रतिरक्षा सुनिश्चित हो सके।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने कौंसिलों से कहा कि नालसा एवं सालसा का मुख्य उद्देश्य निर्दाेष एवं जरूरतमंदों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस हेतु डिफेंस कौंसिल सिस्टम में नियुक्त सभी कौंसिल अपने कार्य को नियोजन न मानकर सेवा कार्य के रूप में जिम्मेदारी से निर्वहन करें।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं राज्य न्यायिक एकेडमी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री संजय के. अग्रवाल ने उपस्थित कौंसिलों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक जुलाई से लागू होने वाले नये कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम का मुख्य उददेश्य बेहतर न्याय व्यवस्था तथा सामाजिक समानता लाना है और लोगों को शीघ्र एवं प्रभावी न्याय प्रदान करना है।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के निर्देशानुसार राज्य में स्थापित लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम में नियुक्त चीफ, डिप्टी एवं असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस कौंसिलों का तीन दिवसीय एडवांस ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन दिनांक 23 से 25 जून, 2024 तक राज्य न्यायिक एकेडमी में किया जा रहा है।

उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में तेईस चीफ, बत्तीस डिप्टी चीफ एवं पचास असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस कौंसिल इस प्रकार कुल एक सौ पांच कौंसिलगण प्रतिभागी हैं।

शुभारम्भ सत्र के अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल बलराम प्रसाद वर्मा, रजिस्टी के अधिकारीगण, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक एकेडमी के डायरेक्टर सिराजुद्दीन कुरैशी, न्यायिक अधिकारीगण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव, उप सचिव विशेष रूप से उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *