नेशनल डेस्क। केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation, One Election) के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना है, जिससे चुनावी खर्चों में कमी और प्रशासनिक कार्यों में सुगमता लाई जा सकेगी।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति ने इस प्रस्ताव पर रिपोर्ट तैयार की थी, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी है। अब इसे संसद में संवैधानिक संशोधन के जरिए लागू करने का प्रयास होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का समर्थन करते हुए कहा है कि इससे देश की प्रगति में तेजी आएगी और सरकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना संभव होगा। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे देश के संघीय ढांचे और राज्यों की स्वायत्तता के लिए नुकसानदेह बताया है।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के तहत सभी चुनाव एक साथ कराए जाने से चुनावी आचार संहिता के बार-बार लागू होने से विकास कार्यों पर होने वाले प्रभाव को कम किया जा सकेगा, और सरकारी संसाधनों का भी बेहतर उपयोग होगा।