रायपुर। रायपुर के जीई रोड स्थित बिरयानी सेंटर में 2 कर्मचारियों की मौत हो गई है। टैंक की सफाई के लिए दो कर्मचारियों को गटर में उतारा गया था। शुरुआती जांच में गटर की सफाई के दौरान निकली जहरीली गैस से मौत की आशंका जताई जा रही है। लेकिन मामला कुछ और है कई कर्मचारी दबी जबान में बता रहे है कि मीडिया को इसलिए अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है कि हत्या का संदेह है। और मामले को दबाया जा रहा है। साथ ही मीडिया को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा हैं। मामला तेलीबांधा थाना क्षेत्र का है। सुरक्षा के लिहाज से बिरयानी सेंटर के मैनजेर और कर्मचारी हिरासत में लिए गए है।
यह भी जानकारी निकलकर सामने आई है कि सभी पुलिसवाले इसी सेंटर से फ्री में बिरयानी खाते है। इसी कारण कार्रवाई करने में आनाकानी किया जा रहा है। उल्टे पत्रकारों पर गलत आरोप लग रहे हैं। पुलिस ने बताया कि गटर की सफाई के दौरान कर्मचारी बेहोश हो गए। जब वे काफी देर तक बाहर नहीं आए, तो होटल में काम करने वाले दूसरे कर्मचारी गटर के पास गए। आवाज लगाने पर कोई जवाब नहीं आया। जिसके बाद कुछ कर्मचारियों ने गटर में उतरकर दोनों को बाहर निकाला। गटर सूखे है. यहां गैस निकलने का का सवाल नहीं उठता अगर गैस से मौत हुई तो अभी भी गैस होनी चाहिए। मृत कमर्चारियों की लाश भी सूखी है । गटर की गंदगी दोनों के शरीर में नहीं हैं। अगर गटर में गैस से मौत है तो कौन सी गैस है अभी गटर में गैस होनी चाहिए ये भी जांच का विषय है। इसी की जांच पड़ताल करने मीडिया कर्मी जब बिरयानी सेंटर में दाखिल होते है तो सबूतों को देखकर सच्चाई का पड़ताल करना था। वहां के मैनेजर और कर्मचारी मारपीट करने लगे। और पत्रकारों को अंदर जाने नहीं दिया गया। जो पत्रकारों की शंका है कि दोनों कर्मचारियों की हत्या हुई है उसके पक्के सबूत होटल के मालिक और कर्मचारी मिलकर नष्ट करने में सफल हो सकते है। गौरतलब है कि दोनों कर्मचारी सफाई कर्मी या स्वीपर नहीं थे। दोनों होटल में कार्य करने वाले मामूली कर्मचारी थे।
आसपास के सभी लोगों का मानना है कि कई आए दिन कर्मचारियों को डराया धमकाया जाता है। मारपीट की जाती है, बंधक बनाकर काम कराया जाता है। और सभी पुलिसकर्मी लगातार बिरयानी सेंटर में रात 2 बजे तक मुफ्त की बिरयानी लेते है. इसी कारण बिरयानी सेंटर के प्रबंधक का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है। और किसी प्रकार का सजा या मुआवजा नहीं हो सकता है। खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे पत्रकारों ने कवरेज शुरू की तो बिरियानी सेंटर का प्रबंधन सवालों से बौखला गया। इस दौरान पत्रकारों से मारपीट की गई। निजी चैनल के कैमरामैन का कैमरा भी तोड़ दिया गया।