बालोद में पार्वो वायरस का प्रकोप, कुत्तों की संख्या में तेजी से इजाफा
बालोद, छत्तीसगढ़: बालोद जिले में पार्वो वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। इस वायरस से संक्रमित होने से कुत्तों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।
पार्वो वायरस क्या है?
पार्वो वायरस, एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है, जो कुत्तों को प्रभावित करती है। इससे संक्रमित होने पर दस्त, उल्टी और डिहाइड्रेशन के गंभीर और जानलेवा लक्षण का अनुभव होता है। यह खासतौर पर पिल्लों में देखा जाता है।
वायरस का प्रसार
इस वायरस संक्रमित कुत्ते के सम्पर्क में आने या उसकी संक्रमित चीजें दूसरे कुत्ते तक पहुंचने पर उसे बीमार बना सकता है। संक्रमित कुत्ते का मल सूंघने, उसे चाटने, उसका जूठा खाने को खाने या पानी पीने से भी स्वस्थ कुत्ते में संक्रमण फैल सकता है।
लक्षण और उपचार
जानकारों की मानें तो एक बार आहार नाल तक इसका संक्रमण होने पर बीमार कुत्ते में कई तरह के लक्षण दिखते हैं। कुत्तों या इनके बच्चों में पार्वो वायरस के संक्रमण के बाद डायरिया, उल्टी होना, उसका वजन घटना, शरीर में पानी की कमी होना और सुस्ती रहना जैसे लक्षण दिखते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर पशु चिकित्सक लेना ही आखिरी उपाय होता है।
अभी तक इस वायरस का कोई भी ठोस इलाज नहीं है। लेकिन जिन कुत्तों का वैक्सीनेशन हो चुका होता है, उनमें इस वायरस का इंफेक्शन फैलने का खतरा कम होता है⁴। कुत्तों में वैक्सीन की पहली डोज जन्म से 40 से 45 दिनों के बाद लगाई जाती है। पहली डोज के 21 दिन बाद दूसरी डोज दी जाती है⁴। पशु चिकित्सकों का कहना है, जिन कुत्तों को वैक्सीनेशन के दोनों डोज नहीं लगी है तो ऐसी स्थिति में उन कुत्तों को बाहर ले जाने से बचें।